गीता का उद्देश्य मानव जीवन की आध्यात्मिक मुक्ति है गीता में कुछ सामान्य लक्ष्य की पहचान की गई है और ईश्वर का उल्लेख किया है
The purpose of Gita is spiritual liberation of human life. Some common goals have been identified in Gita and mentioned God.
कर्मों का त्याग (कृष्ण वाणी) | Renunciation of Deeds (Krishna Vani) | गीता की ज्ञान | Gita Ki Gyan
असली संन्यासी कौन है? (कृष्णा वाणी) | Who is the Real Sanyasi? (Krishna Vani) | गीता की ज्ञान | Gita Ki Gyan
एक योग्य व्यक्ति कौन है? (कृष्णा वाणी) | Who is a Qualified person? (Krishna Vani) | गीता की ज्ञान | Gita Ki Gyan
कर्म और अकर्म के बीच अंतर (कृष्ण वाणी) | Difference between Karma and Akarma (Krishna Vani) | गीता की ज्ञान | Gita Ki Gyan
प्रकृति का प्रभाव (कृष्ण वाणी) | Effect of Nature (Krishna Vani)| गीता की ज्ञान | Gita Ki Gyan
कर्म का विश्लेषण (कृष्ण वाणी) | Analysis of karma ( Krishna Vani ) | गीता की ज्ञान | Gita Ki Gyan
ज्ञान, कर्म और संन्यास योग (कृष्ण वाणी) | Knowledge, Karma and Sannyas Yoga (Krishna Vani) | गीता की ज्ञान | Gita Ki Gyan
अक्षर ब्रह्म योग का विवरण (कृष्ण वाणी) | Description of Akshar Brahma Yoga (Krishna Vani) | गीता की ज्ञान | Gita Ki Gyan
ज्ञान और विज्ञान के बीच अंतर (कृष्ण वाणी) | Distinction between knowledge and Science (Krishna Vani)| गीता की ज्ञान | Gita Ki Gyan
कर्तव्य का महत्व (कृष्ण वाणी) | Importance of Duty ( Krishna Vani ) | गीता की ज्ञान | Gita Ki Gyan
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