मीराबाई सोलहवीं शताब्दी की एक कृष्ण भक्त और कवयित्री थीं। मीराबाई की कविताओं और छंदों में श्री कृष्ण के प्रति उनकी गहरी आस्था और प्रेम की
अद्भुत झलक देखने को मिलती है | उनकी रचनाओं में मीरा पदावली ,’गीत गोविन्द टीका’ राग सोरठ ‘और ‘नरसी का मायरा ‘ आदि है । उनकी रचनाओं में गाये
जाने वाले पद मिलते है । एक ऐसा ही भजन जो बहुत लोकप्रिय है और आपने कई बार इसे सुना भी होगा - पायों जी मैने राम रतन धन पायो.