जयशंकर प्रसाद हिन्दी कवि, नाटककार, उपन्यासकार तथा निबन्धकार थे। वहएक ऐसे लेखक थे जिन्होंने एक ही साथ कविता, नाटक, कहानी और उपन्यास के क्षेत्र में हिंदी को गौरव करने लायक कृतियाँ दीं। उन्होंने काव्यरचनाब्रजभाषा में आरम्भ की और धीर-धीरे खड़ी बोली को अपनाते हुए इस
तरह आगे बढ़े कि खड़ी बोली के सर्वश्रेष्ठ कवियों में उनकी गणना की जाने लगी और वे युगवर्तक कवि के रूप में प्रतिष्ठित हुए।