राघव और केशव दोनों बादशाह अकबर के दरबार में आते है। बादशाह उनसे उनकी परेशानी पूछते है तो केशव कहता की उसके घर के पास जो आम का पेड़ है वह उसका है वहीं राघव कहता है उस आम के पेड़ का असली मालिक वह है। ये समस्या बादशाह बीरबल को सुलझाने के लिए कहते है और बीरबल अपनी चतुराई से पता लगा लेते है की उस आम के पेड़ का असली मालिक कौन होता है और दोषी को सजा मिलती है।
Both Raghav and Keshav enter the court of Emperor Akbar. When the king asks them about their problems, Keshav says that the mango tree near his house is his, while Raghav says that he is the real owner of that mango tree. The king asks Birbal to solve this problem and Birbal cleverly finds out who is the real owner of the mango tree and the guilty gets punished.